उत्तर प्रदेश भाजपा संगठन में लंबे समय से चल रही अध्यक्ष पद की चर्चा अब लगभग समाप्त हो गई है।सूत्रों के मुताबिक, महराजगंज से सात बार के सांसद, केंद्रीय मंत्री रह चुके और कुर्मी समाज के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक — पंकज चौधरी को भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने का निर्णय अंतिम चरण में पहुँच चुका है।दिल्ली से लेकर लखनऊ तक पार्टी नेतृत्व ने प्रदेश की राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों का गहराई से विश्लेषण करने के बाद पंकज चौधरी के नाम पर सहमति जताई है।
आगामी 2027 विधानसभा चुनाव, संगठन की मजबूती और ओबीसी विस्तार के लिए भाजपा उन्हें सबसे व्यावहारिक और प्रभावशाली विकल्प मान रही है।उप्र में ओबीसी समुदायों में कुर्मी समाज सबसे प्रभावशाली वोट बैंक है।पिछले चुनाव के सामाजिक समीकरणों को देखते हुए भाजपा इस वर्ग को नेतृत्व देकर संदेश देना चाहती है।मंत्री रहते हुए उन्होंने शासन-प्रशासन में सक्रिय भूमिका निभाई,जो भाजपा के संगठनात्मक नेतृत्व में उपयोगी माना जा रहा है।13 दिसंबर नामांकन 14 दिसंबर औपचारिक घोषणा 14 दिसंबर, लखनऊ भाजपा की बड़ी रणनीतिक बैठक IGP, सुबह 11 बजे विशेष बैठक, वरिष्ठ पदाधिकारियों की मौजूदगी अनिवार्य इन तारीखों ने साफ कर दिया है कि संगठनात्मक बदलाव अब बस औपचारिक घोषणा का इंतजार कर रहा है।
यह बदलाव सिर्फ संगठनात्मक फेरबदल नहीं, बल्कि एक रणनीतिक राजनीतिक संकेत भी है।पूर्वांचल की मज़बूतीकुर्मी वोट बैंक को और सशक्त करना ओबीसी आधार का विस्तार2027 के बड़े चुनावी मुकाबले की तैयारी ये इस फैसले के प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं।राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पंकज चौधरी का नाम सामने आने के बाद पूर्वांचल और ओबीसी क्षेत्र के कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ा है और यह बदलाव भाजपा के लिए सामाजिक संतुलन का मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है भाजपा की ओर से अभी औपचारिक तौर पर घोषणा नहींकीगईहै,लेकिनदिल्ली,लखनऊ,और प्रदेश भाजपा मुख्यालयसे निकल रहे संकेत बताते हैं कि फैसला लगभग फ़ाइनल है
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